गावा ही मेरा हब करब खेती किसानी
खाले हब नून भाते पानी में सानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी
खाले हब नून भाते पानी में सानी कि अब ना कमाए दिल्ली राजधानी
खाले हब नून भाते पानी में सानी कि अब ना कमाए दिल्ली राजधानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी
केहु नईखे पूछे वाला सोहर साहरात में
जिन्दा संसकार बड़वे आजू देहात में
केहु नईखे पूछे वाला सोहर साहरात में
जिन्दा संसकार बड़वे आजू देहात में
कि राजा राजेस अवधेस लेले बारठानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी
कि अब ना कमाए जाए दिल्ली राजधानी