अखिले स्न्यातों जिन्दाबाद
अखिले स्न्यातों जिन्दाबाद
अब आई है अखिले स्वाई
सताईस में सोपा आई हो
दीये ने आई हो तो
अखिले स्न्यातों जिन्दाबाद
जिन्दाबाद जिन्दाबाद
खॊरते कदर हैं गड़िबों के विच्चार की है दुखी आलचार की
सामाध्मा दु पारती है दुखी आलच्यार की
गोड़ो कविता पीडिये के साथ धोर दो मनी आई हो
अब आई है
अखिलस भाई
सताईस में सप आई हो