विया मिलन की आस लगी हैं
मन है खोए-खोए
प्रीत मुझे खुद
जगा रही है
दिवानी
क्या सोए
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
कुर्बान कर दूँगी मलंग पे जवानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
हाजी मलंग की दुल मे हु बेठी
हाजी मलंग पे वारी मैं तो
सुद बुद खोई हाजी मलंगशा
जोगन हूँ मैं तुमारी बाबा
हाथों में कंगन
तेरी निशानी आई है दर पे
हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
कुर्बान कर दूँगी कुर्बान कर दूँगी मलंग
पे जवानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
गले में तेरा
मंगल सूतर
हाथ में तेरा कंगन बाबा
हात में तूने हात दिया है
छोड़ू मैं कैसे आंगन तेरा
सैया की सूरत सैया की सूरत लागे सोहानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
हात पकड़ कर छोड़ नदीना
मोरे रगीले साजन बाबा
तेरे नाम से
जीना मरना
मुझको बनादे जोगन बाबा
जोड़ी है तेरी
मेरी सुहानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
तुर्बान कर दूँगी मलंग पे जवानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
पिया मिलन के गीत में गाऊँ
सावन की रुत आई देखो
देख के दर पल में मुखडे को लेती हूं अंगडाई मैं तो
पल हारी तुझी पर है सुल्टानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
कुर्बान कर दूँगी मलंग पे जवानी आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
आई है दर पे हाजी मलंग की दिवानी
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