दूर किये प्रभुतम अनीधिका
दिव्य जोति को जगाए हम
जोति से जोति चला करके दीपों का पर्भु मनाए हम
बोली राजा राम की जय हो
प्रभु लोटे हैं
लंका जीत आयौध्या चमक रही
राम जी आए हैं
लंका जीत आयोध्या चमकरही
संगीत आयोध्या चमक रही
नम लोटे लंगताजीत आयोध्या चमक रही
शूम रहे सब नगर निवासी शीतन हो गई अखियां प्यासी
आज पधारे सब सुख राशी मिट गई मन की सारी उदासी
दिन गए दुखों के बीद आयोध्या चमक रही प्रभु लोटे है लंगताजीत
आयोध्या चमक रही
जो इस उने सो धावत आवत प्रभु दर्शन करी अति सुख पावत
हिल मिलके सब
नाचत गावत घर घर सब ही दीप जरावत
सभी जानते हैं बाबा गोष्वामी तुलसिदास जी ने
भगवान श्रिदान चंडर जी के चरित्रों में लिखा है
रिपुरं जीत सुयस सुर गावत सीता अनुज सहित प्रभु आवत
छवी अदभूत असकहत बनेना निरखत प्रभु को नेन हटेना
अनुज लखन संग मातु जाने की
देखि चकित सब बानर सेना गाते जेडी दिविंदर गीत
अयोध्या चमक रही प्रभु लोटे है
लंका जीत
प्रभु लोटे है लंका जीत अयोध्या चमक रही
प्रभु लोटे है लंका जीत अयोध्या चमक रही
राम जी आए है
लंका जीत अयोध्या चमक रही
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