जानो जान मारे लका जरवाहो
लागे नाही केहों के नाजारावाहो
लागे नाही केहों के नाजारावाहो
मन खो तला विकप देखि गोर बदनिया के
दिल आसिक भाईल बाईरानी आस्लमानी ओड़हनी आके
खोचेला अखिया हर दम गावेला पीत सरगम
अम होस में न रही जब देखिला तोखे जनम
कोई दो न मर न वे अई मिठ मुस्कनी आके
दिल
आसिक भाईल बाईरानी आस्लमानी ओड़हनी आके
दिल
आसिक भाईल बाईरानी आस्लमानी ओड़हनी आके