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आसमा जमइन
बनके पास आगरा
पन्ची भी उभ्यार से बाते कर गए
उड़ी मैं बढ़ी मैं हवा की
छोके से चली मैं आगे आगे
कही ना दिखे ना गमी की छाया बस जूरी मैं पानी की सीडियों पर
पन्छी भी उभ्यार से बाते कर गए
चुट्के चांद से कहानिया लिखी
छोटी मोटी मेरी सारी बाते सुने
चांद की रोशनी तारों की रिशमी मीथी मीथी बुन्दे गानों की
आवाज बन गई
दिल भर के मैं जीलों
दुनिया है ये सपनों से
हकीकत से दूर ये दुनिया ओशकों के
जिन्दगे मिली आसमा जमीन बन के पास
आगा राँ पंची भी यूँ प्यार से बाते कर गए