आशिकन सरे कसरु माल न तेर दी
केन कवीद वे चाप सर नांगुन
चरतल से मारे की बुलाडवी
हल से बराखिद सुरकुषुन्दु सरुन
ओ मलंग दस्ताप पे इंतजार किवीवी
आज़ा चिकले प्रेक दोचे द्वाड़ा जुन
मत दे टूल का टूल मर बरबाद कलु कना
और की बहुत दे दे पता पोरी की उरुना
दे दिल पराज बिदे सिनाशती
गम ओया लाई विना ओ गम न ढीर का ढीर दुख देद कम की कना
ओ देद जनान कम न रोगले बना एक लमा
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