कायनात की उस साजीश का इंतजार करते करते एक अर्सा बीद क्या
मगर हम कभी मिल नहीं पाए
फिर भी दिल में आस लगाये बैठे हैं
हम मिलेंगी
कभी न कभी
कही न कही
एक बार ही सही
क्यों मिलोगे कहीं
या मिलोगे नहीं
मुझे लगता
हम मिलेंगे कभी या मिलोगे कहीं
या मिलोगे नहीं मुझे लगता हम मिलेंगे कभी तुम
सानकोई देखा है हसीवी दिल तुमकोई चाहे मैं जबीवी
अगर असा
हो जाएं सिंदगी
उससे मिल जाओ मैं एक बार ही सही
महरबानी होगी फिर मेरे लिए उम्र भर के लिए रहूंगा तेरा शकुर गजाएं
कैसी है ये होईशे जो सिर्फ बढ़ती जा रही है
मेरे नाकाम कोशिशों के बावजूद ये दिल तरस रहा है
सिर्फ तुमारी एक चलक के लिए
हाई इसे इतना न तरसाओ
वही से ये
मेरे
कैसे पूरी हो कोई बताएं
तुमारे सिबा कोई भी नहीं जो मुझे को इस तरह भाई
बैचे है ये आस
लगाएं तुमारी एक
जलक दिख जाएं
हाई इसे न
तरसाओ
आस लाओ आबी जाओ
जाएं जिन्दगी उससे मिल जाओं बैं एक बार ही सही
महरबानी होगी भी फिर मेरे लिए उम्ण भर के लिए रहूंगा तेरा शुक्र खुशा
महरबानी होगी भी फिर मेरे लिए उम्ण भर के लिए रहूंगा तेरा शुक्र खुशा