आरति श्री शायें गुरुवर्की परमानन्द सदासुर्वर्की
परमानन्द सदासुर्वर्की आरति श्री शायें गुरुवर्की परमानन्द सदासुर्वर्की
जाकी कृपावि पुल सुक्कारी दुख शोक संकत भैहारी
शिर्णी में अवतार रचाया चमतकार से तत्व दिखाया
आरति श्री शायें गुरुवर्की परमानन्द सदासुर्वर्की
कितने भग चरण पर आयें
वे सुक्षांत चिरंतन पायें
भावधरे जो मन में
जैसा
पावत अनुभव वो ही वैसा
पावत अनुभव
वो ही वैसा
आरति श्री शायें गुरुवर्की परमानन्द सदासुर्वर्की
गुरुकी उदी लगावे तन को समाधान लाभख उस मन को
साइनाम सदा जो गावे
सोपल जग में शाश्वत पावे
आरति श्री शायें गुरुवर्की परमानन्द सदासुर्वर्की
गुरुवासर कर भूजा सेवा
उस पर कृपा करत गुरुदेवा
आरति श्री सायें गुरुवर्की परमानन्द सदासुर्वर्की परमानन्द सदासुर्वर्की
परमानन्द सदासुर्वरकी
विवधधर्म के सेवक आतें
दर्शन कर वांचित भल पातें
साइदास आरती को गावे
धरमे बस सुख मंगल पावे
जैबोलो सारी बाबाती
जैबोलो अवचूत कुरुती
धरमे बस सुख मंगल पावे आरति श्रीच साइदी गुर्वरकी परमानन्द सदासुर्वरकी
आरति श्रीच साइदी गुर्वरकी परमानन्द सदासुर्वरकी
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