सकल स्रेष्टि के
करता रख्षक स्तुति धर्मा
तवार स्रेष्टि में विधी को शुरुति
ुपतेश दिया
जीव मात्रा का जाग में ज्यान विकास किया
Om Jai Shri Vishwakarma
Om Jai Shri Vishwakarma
Ek Anan Chatur Anan Panchanan Raje
श्री भुज चतुर भुज दश
भुज
सकल रूप साजे
राख्षक
स्तुति धर्मा
Om Jai Shri Vishwakarma