आरती गगन में थाल रव चंद दीपक बनेतार का मंडला जनक मोतीदूप मले आनलो पवन जवरो करेसगल बन राय फूलंत जोतीकैसी आरती होई भव खंड न दयालतेरी आरतीया न हटा शबद वा जंद बेरीसैस तव नैन नना नैन है तो हे कोसैस मूरत नना एक तो हीसैस पद बिमल नना एक पद गंध बिनसैस तव गंध ही बचलत मो हीसब में जोत जोत है सोय तिसकेचानन सब में चानन होईभुरसाखी जोत परगट होईजोत इस भाव सो आरती होईहर चरण कमल मक रंदलो बितमनोअंदिनो मोहे आही पयासाकिरपा जल दे हो नानक सारंग कोहोई जाते तेरे नाइबासानाम तेरो आरणी मजन मुरारे हरकेनाम बिना जुधे सगल पसारेनाम तेरो आसनो नाम तेरो उरसानाम तेरो केसरो लेच चिकारेनाम तेरो अंगला नाम तेरो चंदेनोगासी झपने नाम ले तुझ ही कोचारेनाम तेरो दीवरा नाम तेरो भातीनाम तेरो तेल ले माहे पसारेनाम तेरे की जोत लगाईभयोँजियारो भवन सगलारेनाम तेरो तागा नाम फूल मालाभारे अथार सोनी सगल जुठारेतेरो किया तुझ ही ग्यार पवनाम तेरा तुझ ही चबर डोलारेदसे अथे अथे सथे चारेखानी ही है वर्तन है सगल संसारेकहरा विदास नाम तेरो आरतीसात नाम है हर भोग तुहारेदूप दीप गृत साज आरतीवार न जाऊं कमला पातीमांगला हर मांगला नितमंगल राजा राम राये कोतू तम दियरा निरमल बातीतू ही निरंजन कमला पातीराम भगत रामाननद जानेपूरन परमाननद बखानेमजन मुरत भैतार गोबिंदेसैन भने भज परमाननदेसुन संद्या तेरी देव देवा करेअद पते आद समाईसिद समध तेरो अंत नहीं पायालाग रहो शर नाईलेहो आरंदी पुरंख निरंजनसत्गुर पूजो बाईनाणडा ब्रहमा निगम बिचारेअलख नलख या जाईतत तेल हर नाम की अबातीदीपक देहो उजियाराजोट लाए जगदी सिजगायाबूजे बूजन हारापंचे शबद या नाहट वाजेसंगे सारंग पानीकबिर दास तेरी आरती की नीनिरंकार निर्वानीगोपाल तेरा आरता दयाल तेरा आरताजो जन तुम्री भट करन ते तिनके काज सवारतानाल सीधा मांग घीयो मरा कुशी करे नित जीयोपनिया चादन का आनाज मांग सत्सीकागोभैस मांग लवेरी खेता जनतुरी चंगेरीघर की गीहन चंगी जन धन्ना लेवे मंगीगोपाल तेरा आरता दयाल तेरा आरतायाते परसन भये हैं महामुनदेवन के तप मैं सुख पावेयग करे इक बेदरर बावेतापहारे मिल ध्यान लगावेजालर ताल मिर्दंग यूपंगराबाबलिये सुर साज मिलावेकिनर घंढरावे गान करे गानधच्या पचार निर्कदिकावेशंखन की दुन गंटन की गरफूलन की बरका बरकावेआरती कोट करे सुर सुंदरपेक पुरंडर के बल जावेदानत दच्छने देके पर दच्छनभाल मैं कुंका मैं अच्छत लावेओत कुला हले देव पूरी मिलदेवन के कुल मंगल गावेसगल दुआर को छाट के गय ओ तुहार ओ दौरबाहें गहे की लाज यस गोबिंद दास तुहारऐसे चन्ड परताप के जेवन बढ़यो बरतापथीन लोक जै जै करे रड नाम सत जाववाहे गुरु नाम जहाज है चने सुंदरे बारजो शरदा कर सेव दे गुर पार उतारन आर