आँकों से तू शर्माएं
फिर भी वो जाहिर कर जाएं
बात करने से गबराऊं, बावरा मन होता जाएं
डूनडता ये तुझे साबरे,
आँकों से तू शर्माएं
फिर भी वो जाहिर कर जाएं
तेरी ओर ले चलें दिल लगी के ये बहानें
साथी ये बनना चाहें
चाहतों मैं मगन तिरा होने के अफसानें खीचें पास बुलाएं
किसी डौर से जुड़ें दिल के सारे सिलसेलें सरगंसें मुझें
सुनते बाते सभी आँकों से तू शर्माएं
फिर भी वो जाहिर कर जाएं
आँकों से तू शर्माएं
फिर भी वो जाहिर कर जाएं
बात करने से गबराऊं बावरा मन होता जाएं डूनडता ये तुझे साबरे
आँकों से तू शर्माएं
फिर भी वो जाहिर कर जाएं
आँकों से तू शर्माएं
फिर भी वो जाहिर कर जाएं