जीते ओध्या जीते कासी मथुरा भी जीते पहला
संभल में अब मची खुदाई
जहां सनातन है लहरा यूपी में है ये संभल तो
एक नगर ऐसा बतलाई इसी नगर में एक छेत्र है
मामल जिसका यहां सुना कैसे डिवादित हुई है ये भूमी
इसका किसा हम बतला सनातनी मंदिर है यहां पर
मुगलों ने था दिया गिरा हिंदु धर्म के तोड़क मंदिर
यहां पर मस्चिद दिया बनाई
शाही जामा मस्चिद है ये
संभल नगर की बात कहा शाही जामा मस्चिद है ये
शाही जामा मस्चिद है ये संभल नगर की बात कहा
सन 1992 था वो
देश में
दंगा हुआ बता मंदिर मस्चिद यहां बिवादित
भारत में जितने कहना दंगे और कहीं ना भड़के
कुछ तो रोक ठाम हो पाए इसलिए सरकार यहां की
दिया था इनको बंद करा तब से बंद पड़ी थी मस्चिद
ध्यान मगर अपना कहलाए फ़टद किए जब मथुरा का सि
संभल पर जब नजर घुमाए इसी जगह का हिंदु जोलो को
नक्षा एक मिला कहलाए उस नक्षे के मिल जाने से
हिंदु सारे गोट में जाये उस नक्षे के मिल जाने से
उस नक्से के मिल जाने से हिंदू सारे कोट में जाच न्यायाले से मिली अनूमति
हिंदू लोग जाच कराए धीरे धीरे जाच हो रही
खूब निशान मिलते जाए अठर दिसंबर सन चोबिस तक
सैपूए तो मिले कहाई यूपी का है लगाप सासन
अभी दिन दिन में ये पाए नक्से में जो दर्शाया है
उनिस पूए यहाँ कहलाए काफी लंबा ये है एरिया
जहाँ से कई मंदिर बतलाए साथ कुट ये गहर कुआ है
दीबी में सब रहे दिखाए पना कलाए
लेंटर धांक दिये थे यहाँ रास्ता दिये बनाए
बना के लेंटर धांक दिये थे
बना के लेंटर धांक दिये थे यहाँ के रस्ता दिये बनाए
अनुमान जी का मंदिर है इंदू जनों कहे
कहलाए मंदिर था एक राधा राणी का
मश्चिद जिस पर दिया बनाए
दो सो साल पहले ही बना था
इंदू भाई रहे बताए
और भी मंदिर बने यहाँ थे
धर्मत धुस्मन रहे मिटाए
जब इनकी सत्ता थी यहाँ पर
अत्याचारे रहे थे ढाए
इसके अलावा पूरे देश के
लाखों मंदिर दिये गिराए
सचाई को धाक सके ना
सचाई तो मिटती ना
धीरे धीरे कई मश्चिद से
मंदिर दबे निकलते जाए
धीरे धीरे कई मश्चिद से
धीरे धीरे कई मस्चिद से मंदिर धवे निकलते जा
जेज हुआ यभियान यहां का
जिसकी धूम मची कहला जाने लगे हैं हिंदू का पी
चर्चा जिसकी होती जाएं साधू संत भी जाने लगे हैं
धर्म सनातन की जैजाएं चार किलो मीटर के लगभग
धेत्र यहां का है कहलाएं छोटे बड़े कई बने थे मंदिर
दावा ऐसा हम कर जाएं धीरे धीरे निकल रहे हैं
खुदाई जम के मची कहाएं तूमा जहां पर मिला है ख़तमा
उसके पास तारिन सरा हर हर मंदिर भी तो होगा
हिंदू जन अनुमान लगा हर हर मंदिर भी तो होगा
हर हर मंदिर भी तो होगा हिंदू जन अनुमान लगा
और मूर्तियां आप देखिये आप सभी है रत में आए गणेस जी और कार्टिके की
मूर्ति खंडित मिली बताए एस आई की टीम लगी है जात यहाँ पे करने आए इसके आगे और देखिये
क्या क्या हमको मिलता जाए हनुमान बजरंग बली की
एक बड़ी प्रतिमा हम पाए इतनी जादा मिली मूर्तियां
इंदू भाई चोके जाए जो जो जाच बढ़ी है आगे
और मामला ये गर्माए मुगलों ने बरसो सकिया है
इंदू पर भारी अन्याए मुगलों ने बरसो सकिया है
मुगलों ने बरसो सकिया है इंदू पर भारी अन्याए
एक बात हम आओर बताए ओसे आपके उड़ना जाए
मार्च था उनिस सन अठहतर दंगा बड़ा हुआ बतलाए
नहीं यहाँ कंट्रोल था कोई
इंदू दहसत में करता
कहला यहाँ पर मुस्लिम वो संख्यक थे
तांड़ा जम के रहे मचाए चार तरफ था खून खराबा
गली गली में मोद दिखा दो महीने तक लगा थे कर्फ्यू
बहुत बड़ी ये बात कहाए जो गरीब और अल्ब संख्यक थे
चुन चुन के वो मारे जाए उनका कोई नहीं सहारा
दंगे में कई जाने जमाए उनका कोई नहीं सहारा
उनका कोई नहीं सहारा दंगे में कई जाने जमाए
परिवार यहाँ थे जिनका दर्द लिखाना जाए तुझके उनके घर मकान थे
इन लोगों ने लिये छुड़ा जाने बचाना हो गया मुश्किल
आपत की बिजली गिर जाए चारों तरफ से घिरे हुए थे
चारों और काल मडरा ये बेचारे नहीं तहिं सक
ना बर्छी तलवार चला महिलाए भी नहीं सुरक्षित
इज्जत इनकी लूटे जाए इन छियाल परिवारों की हम
दर्दनाक घटना बतलाए छोड़ छोड़ के मकान गहने
वहां से भागे जाने बचाए छोड़ छोड़ के मकान गहने
छोड़ छोड़ के मकान गहने वहां से भागे जाने बचाए
फिर उन्निस्सो पानवे में टंगा यहां हुआ बतलाए
मंदिर और मस्चिद को लेकर जुलस उठे थे दो समुदाए
जलने लगा था नगर ये संभल
जुलस उठे थे दो समुदाए
संख्या में कम हिंदू यहां थे
बहु संख्यक से दबे कहाए
पड़ने लगे हैं कमजोर जो हिंदू
भागे अपने प्राणी बचाए
हिंदू के परिवार थे दो सो
ये पलायन सच बतलाए
बहुत बुरे हालात यहां के
घर घर में संकट मड़ राए
बाद में चालिस साल के अब
बाद में चालिस साल के अब
पूजा पाठ भाई कहला
संभल में परिवार रह सैने
इनके परिवार रह सैने
पूरवज जो कहलाए राधा राणी का ये मंदिर
इन लोगों ने था बनवाए इनकी थी ये जमीन पूरी
जिस पर मस्चिद बनी कहाई योगी जी है धर्म के रक्षक
धर्म पे ना होगा अन्याय जहां जहां मंदिर तूटे है
उन पर होगा पूरा न्याय जागो हिंदू तुम्हे जगाए
सनातन पर ना संकट आए अगर अभी हम ना जागे तो
रहेंग सदियों तक पच्टाए लिखा निरंजन से नने आला
सोनी साहनी रही सुनाए लिखा निरंजन से नने आला