धर्म सनातन सदियों से है भारत की पहचान कहाई
जब जब कोई संकट आया है इसे बचाने लाखों आए
कभी तो इश्वर खुद आता है
मानव रूप जो कहलाए कभी राम के रूप में पधारे
कभी कृष्ण बन करके आए धर्म विरोधी जितने भी थे
दिये थे जग से उन्हें मिटाए आज सनातन पर कुछ संकट
देता चारों ओरे दिखाए धर्म विरोधी राम विरोधी
लगे खुब आवाज उठाए साधु संत महंत अनेको
सौनम कर रही कथा बखान साधु संत महंत अनेको
साधु संत महंत अनेको सौनम कर रही कथा बखान
धीरेंग्री महाराज हमारे रहे खूब ललकार लगाए धर्म सनातन वाला जेंडा
देश बिदेशों में लहराए अपनी बातों और बोली से
लोगों में तूफान जगाए धर्म सनातन की रख्षा में
जाग रूकता रहे चलाए रेली और साभाए करके
चेति न हिंदू में हेलाए अपनी धर्म सनातन में ये
नई क्रांती लेकर आए इनकी बाते माने लेवाले
लाखों करोड़ों में कहलाए क्रांती कारी संत है ये तो
धीरेंदर जी की जै जै गाए क्रांती कारी संत है ये तो
क्रांतिकारी संत है ये तो धीरेंद्र जी की जै जै गाए
धर्म सनातन के ये गुरुवर घर घर में ये धूम मचाए
जहां भी जाते खुल कर कहते किसी से ये तो नहीं डराए
धर्म सनातन के विरोध में गलत टिपडी जो कर जाए
उनकी उन्हें ओकात बताते उनकी तो फटकारी लगाए
ऐसा जवाब देते उनको उनको नानी आदि दिलाए
देश का तुम खाते हो हमारे पाकिस्तान की जै जै गाए
नहीं भरोसा इन पर करना
बागेशा
परश्वर वाले समझाए जिने देश से प्रेम नहीं है
नहीं हितेशी वो कहलाए जिने देश से प्रेम नहीं है
जिने देश से प्रेम नहीं है नहीं हितेशी वो कहलाए
भर यहाँ पर कत्यरवादी
भर यहाँ पर कत्यरवादी
बातों से हमको धमकाए पंद्रा मिनिट का समय मांगते
पुलिस यहां से जो हट जाए हिंदु जनों को समझा देंगे
ताकत अपनी देंगे बताए खुले आम चेतावे निधिते
जबकी नमक हमारा खाए जितने भी है कत्तरवादी
देश विरोधी वो कहलाए अगर जो स्टाशन आया उनका
देंगे अत्याचार मचाए उनकी नियत और इरादे
हिंदु हित में ना कहलाए बागहेश्वर के पीठा दीश्वर
गुरु देव हमको चेताए बागहेश्वर के पीठा दीश्वर
बागहेश्वर के पीठा दीश्वर गुरु देव हमको चेताए
बड़े उर्जा वाने है गुरुवर दजब उर्जा हमें दिखाए
बालाजी के साधक है ये बालाजी की सिद्धी पाए
बालाजी की सिद्धी पाकर दुखियों पर करुडा
दिखनाए बागहेश्वर दर्वार सुहाना
गाओं गढ़ा में लिये लगाए एमपी में छतरपूर है
पावन धाम यहां कहलाए लोग विदेशों से आते है
बुस्त दिन भीडे लगे बताए तीन काल के ग्याता है ये
दियते भूत भविश्य बताए तन मन की हर बाधा मिटती
देते जीवन सुखी बनाए तन मन की हर बाधा मिटती
तन मन की हर बाधा मिटती देते जीवन सुखी बनाए
वहां भी हमको पतलाते है धर्म सनातन भूलो नाए ऐसा प्यारा धर्म सनातन
कोई ऐसा नहीं दिखाए जिसमें करुणा मानवता है
सब लोगों के काम में आए दुखी और हीन मानव को
सनातनी लेते अपनाए मुगलों का इतिहास पढ़ो तो
तुमको स्वयं समझ में आए भारत में जब राजित है इनका
रहे सदा दह्शत फैलाए दह्शत गर्द कहाते हैं ये
जुल्म सितम जनता पर रहाए बागेश्वर बाले बाबा के
सदा समर्थन में जुट जाए बागेश्वर बाले बाबा के
बागे सुर्वाले बाबा के सदा समर्थन में जुट जाए
मिल जुल कर रहना है हमको
साबधान करके चीताए समय बुरा ना आने पाए
अभी से साबधान हो जाए एक यहां हम अगर रहेंगे
ताकत अपनी बढ़ती जाए एक ताकी रहेंगे ताकत
कोई हमको नहीं गिराए एक ताकी ताकत से ही
यहां सुरक्षित हम जी पाए अल्प संख्यक जहां है हिंदू
वो तो हर दम काटे जाए देखो बांगला देश की हालत
बाद से जो बद्धर कहलाए
वहां के सारे कश्ठर वादी
हिंदूओं को रहें मिटाये
वहां के सारे कश्ठर वादी
वहां के सारे कश्ठर वादी हिंदूों को हैरहें मिटाये
लो सबक तुम बांगला देश से
आगे
तुमको का बतलाए इतनी पर भी अगर न जागे
तुम कैसे हिंदू कहलाए जीवन पर धिक्कार है तुमको
साब धाम न जो हो पाए धीरेंद्र गुरुवर बागेश्वर के
बागेश्वर से रेली लाए गाओं गड़ा से चली थी रेली
और छातक ले करके आए यही उद्धेशे एक था उनका
हिंदु जनों में जागरती लाए बड़ी ही भब्य विशाली ये रेली
पदियात्रा सब करते आए पदियात्रा में धिरेंद्र जी के
पाओं में तो छाले बड़ जाए पदियात्रा में धिरेंद्र जी के
पदियात्रा में धीरेंद्र जी के पाओं में छाले पड़ते जाएं चलते रहे धीरेंद्र गुरूजी
दर्द से ना बिलकुल घविराएं इस रेली में साथे मेन के
साधु संत आचार्य भी आएं धाम अयोध्या बृण्धावन से
पीठा धीश महंत कहाएं जितनी गाओं पड़े रस्ते में
सब में प्राण फूकते जाएं धर्म सनातन और संस्पती
हिंदू भाई भूले ना यही हमारी दौलत भारी
अपना धर्म नहीं बिस्राएं अगर सनातन हमने समाला
देश सदा समला कहलाएं
नींद में सोने वाले हिंदू
नींद से तुमको रहे जगाएं
नींद में सोने वाले हिंदू
नींद में सोने वाले हिंदू
नींद से तुमको रहे जगाएं
अगर नींद से तुम ना जागे
देंगे अपना देश मिटाए कट्टरवादी हमें काटने
कब से बैठे घाते लगाए चलो सम्हालो धर्म सनातन
घर घर सबको रहे बुलाए बच्चे बुढ़ों और जवानों
खून को पानी नहीं बनाए भारत माता हमको पुकारे
इसकी सेवा में लगजाओ ये भूमी अपनी भूमी है
गुलाम फिर से होनाए तुमको है सौगंधराम की
रखना उसकी आनि बचाए बागेस्वर महराज का आल्हा
सोनम सबको रही सुनाए लिखा निरंजन सैनेन आल्हा
सोनम सबको रही सुनाए
लिखा निरंजन सैनन आला सोनम सब को रही सुनाए
विलोद भाईया जी दर्सन को जाए सोनम आला रही सुनाए