पूछने वाले अमेरिका के हमारे भक्त हैं, केलीफोर्णिया के
उन्होंने पूछा है, गुर्देव जी आलस्य बहुत रहता है, इसको कैसे दूर करें?
आलस्य करने से क्या हानी होती है?
और आलस्य दूर करने का उपाय क्या है?
बहुत अच्छा प्रश्न है
मैं आपको धन्यवाद देता हूँ, केलीफोर्णिया में बेठे हुए भक्त जी को
और आपके प्रश्न को सुन करके इसका उत्तर पूरी दुनिया के लोग पा जाएंगे
आलस्य को मीठा सत्रू कहा गया है
आलस्य का आर्थ होता है तुम्हारे में योगिता है, कला है, गुण है, सामर्थ है
लेकिन फिर भी तुम जीरो पर ही खड़े रहोगे
आलस्य वा चीज है जो तुमको जीरो बना देता है
आलस्य वा चीज है कि हीरो बनने वाले को जीरो कर देता है
आलस वह चीज है की शिकर पर पहुँचने वालों को जमीन में गिरा कर
बिल्कुल थर्ड क्वाल्टी में डाल देता है
आलस वह चीज है जो तुमारे मान सम्मान को भी खतम कर देता है
आलस वह चीज है जो तुमको गरीब बना देता है
आलस वहा चीज है
जो तुमको खड़हर में रहना पड़ता है
झुकगी जोपडी में रहना पड़ता है
आलस की कारण
आलस से इतने नुकसान है
तुमको सड़क पर
थैला ले करके
कोई आटू रिक्सा का इंतजार करना पड़ता है
हाथ हिलाते रो थैला हिलाते रो आ रूखो रूखो रूखो रूखो जरा मुझको चलना है संगम संगम होटल के पास नहीं नहीं मैं संगम नहीं जा रहा हूँ मैं तो निहंगम जा रहा हूँ हाँ तो दोर खड़े रो वहीं पर पानी बरसे फिर इसमें भीखते रो आलश्य
तुम्हारी बहुत दुर्दसा करता है आलसी आदमी है उसके पास पैसे भी नहीं रहेंगे तो फिर क्या करेगा
फटे-फटाएं कपड़े पहनेगा अपने परिवार को भी फटे-फटाएं कटे-कटाएं कपड़े पहनाता रहेगा अच्छी सी
सीटे का और चप्पल में बद्धी टूट जाएगी तो रसी बांध करके चलेगा अब लोग सोचेंगे भाई बहुत बड़ा गरीब आदमी
है गरीब नहीं आदमी है यह आलसी आदमी है मकार है काम चूर है कोई आदमी गरीब होता थोड़े है ना कोई अमीर होता
है जो आलसी है वह गरीब है जो मकार है वह गरीब रहेगा और जो छूल खर्ची करेगा गरीब रहेगा जो
खोब सोएगा कम बक्रण की तरह दस घंटा वह गरीब रहेगा जो काम नहीं करेगा गरीब रहेगा गरीब कौन बनाया
तुम्हारे बाप ने बनाया है, कि तुम्हारे परोशियों ने बनाया है, कि सरकार ने बनाया है. गरीब तुम खोद अपने आलस के कारण हो, निकम्मापन के कारण गरीब बने हुए हो. काम क्यों नहीं करते हो. तीन टाइम खाते हो काम क्यों नहीं करते हो. मैं कहता हूं काम
मानी छोड़ो आलस्य मत करो और पुरुशार्थ करने से आदमी की उन्नति होती है जो लोग आलस्य का त्याग कर देते
हैं जुग्गी जोपड़ी में उनका जन्म हुआ था मेहनत करके परिश्रम करके बहुत शुन्दर तीन मंजिल चार मंजिल
गान बना लेते हैं बहुत शुन्दर फोर बीलर गाड़ी खरीद लेते हैं दो चार छह लाख की दस लाख वाली और खूब मेहनत
जो करते हैं आलस्य बिल्कुल फटकने नहीं देते पास में अच्छे कपड़े भी पहनते अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में
विमिशन दिलाते हैं फीस लेते हैं और कोई बीमारी आती अच्छे डॉक्टर से ट्रिटमेंट कराते हैं अब सामान
डॉक्टर मर्ज भी नहीं जान पा रहा मरीज को नहीं समझ पा रहा हो उंटा-पल्टा दवा दे रहा और रियक्शन कर रही है
तो तुम्हारे बच्चे की एक टांग ही खराब हो गई है तो इसलिए धनवान होना भी जरूरी है लेकिन इसके लिए आपको
आलश का त्याग करना पड़ेगा अगर आलश का त्याग आप नहीं करेंगे तो आपका बहुत बड़ा नुकसान है और आप बहुत दुख
रहोगी और द्रिद्दूरी बण करके रहोगी है तो समझदार आदमी कभी आलश नहीं करता है और समझदार आदमी हमेशा
मेहनत करता है और विज्जूल खर्च भी नहीं करता है सत-संघ के नाम पर तो लाखों खर्च कर देगा कोसंघ के
पर कवडी नहीं खर्च करेगा, दारू के नाम पर एक रूपिया नहीं खर्च करेगा, लेकिन धान के नाम पर शेवा परोपकार के नाम पर कोरोडों दे देगा, आदमी को अच्छे काम के लिए उदार रहना चाहिए, और गलत काम के लिए कन्जूस
बन जाना चाहिए ये उसको ऐसी व्यवस्था बनाना चाहिए तो आपका आलश सीधूर हो जैसे अभी विचार करो
अगर ये धिरू भाई अम्मानी या मुकेस अम्मानी आलश से करते तो क्या इतना बड़ा उद्धोग दंदा कर पाते
रतन टाटा आलस से करती तो क्या इतना बड़ा सिस्टम अपना टाटा के ट्रक है, टाटा का साफ्टवेर कंपनी है जिसमें आठ लाख लोग सर्विस करते हैं, ये कैसे कर पाते हैं?
तो आदमी को परिश्रम करना चाहिए
सब को मेहनत करना चाहिए
मेहनत का फल है सुखदाई
एक कववे को लागी प्यास
उड़कर गया घड़े के पास
घड़े में देखा थोड़ा पानी
देख हुई उसको हैरानी
बड़ी दूर से लाया कंकड
लगा डालने एक एक कर
जों जों कंकड पढ़ता जाता
त्यों तो पानी चढ़ता जाता
पानी जब उपर तक आया
कववा पीकर खोबग आया
मेहनत का फल है सुखदाई
पानी पीकर प्यास बुझाई
इसलिए कववा भी सिखाता है मेहनत कर लो
और परिश्रम तुमको महान बनायेगा
देश को महान बनायेगा
सब सुख सुविधा मिलेगी
आनन्द की प्राप्ती होगी
इसलिए सादु संत को भी परिश्रम करना चाहेगा
और आलसे तो कितने सादु संत भी आलसी है
और कितना गृष्ट बहुत आलसी है
उसकी पत्नी कमरे से उठा start खांग करो दूसरे दूसरे दूसरे दूसरे दूसरे दूसरे से एक सत्मा
हहहह उसकी पत्नी भी हैरण है भनियथा भैंसा बिठा है और भैंसा बेहन्सा खींच देता बेहन्सा
लड़ी न खींची यह तो अजीब मॉडल का भैषा दो पैर का भैषा है काम करने नहीं चाहता है और कितने साधुओं
में जहां आलसी लोग होते हैं वह लड़ाई झगड़ा भी खोब होता है कोई बोजन भी नहीं बनाना चाहता कोई झाड़ू
बी लगाना चाहता कोई कपड़ा नहीं साफ करना चाहता कोई गाड़ी भी नहीं चलाना चाहता गाड़ी साफ नहीं करना
चाहता और कोई मार्केट नहीं जाना चाहता सब्जी भी नहीं लाना चाहता तो झगड़ा तो होगा ही भूंखे तो लें
करेंगे लोग कले-कले इस खुब होगा आसांति पैदा होगा आलस्य से आसांति गरीबी दरीदरता दुख का जन्म होता है
इसलिए कृपया आलस्य का त्याग करना चाहिए परिश्रमी बनना चाहिए बहुत-बहुत धन्यवाद इतने से भी आपको बहुत समझ में आ गया होगा आशिर्वाद
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