एकाना आज होली है
छोड़ोंगी नहीं तुझे
अरे राधा हैप्पी होली
तेरे सक़्ियों को आज भी गाओंगा मैं
काना तुझे कोई रंग लगाओंगी मैं
आज साम्बरे को काला
बनाओंगी मैं
वालबालों के साथ ही
आओंगा मैं
तेरे सक़्ियों को आज भी गाओंगा मैं
तेरे सक़्ियों को रंग लगाओंगा मैं
आज साम्बरे को काला बनाओंगी मैं तेरे सक़्ियों को रंग लगाओंगा मैं
ने
सारी सक्हियों से तुझे पिटवाऊंगी मैं
तेरी सक्हियों से राधा मैं हूँ नड़ेता
मैं हूँ मनमोजी अपने मन की ही करता
राधा हैपि हॉली विता
तेरी सक्हियों से राधा मैं हूँ नड़ेता
मैं हूँ मनमोजी अपने मन की ही करता
लाल पीले हरे रंगी
लगाऊंगा मैं
तेरी सक्हियों को आज भी
गाऊंगा मैं
भी गाऊंगा मैं
काना होली में रंग लगवाऊंगी मैं
पबरिशाऊंगा मैं तेरी सक्हियों को आज भी
गाऊंगा मैं
तेरी सक्हियों को आज भी गाऊंगा मैं हैपि हॉली