राती के डाले मतासलाद दे दे
खोल के बटाम तानी आजा उगहारे आजा ये भावजी डल बाबे दुबारे
लाल पिया चीज तोहरांग मयारे आजा ये भावजी डल बाबे दुबारे
बाल्टी से भर भर डाला बरंगवा छोड़ अब न तोहरा हसलासे
दिन भर हमरा से केतनू लुकाईबू राती के डाले मतासलासे
ओलाये भावजी काहे बंद करेले बाड़ू या फन बाजाला केवाल
एमरा तोहाल
भावजी ने लिखा मैं चाहता हूँ
अरलपिच कारी लेके खाल बादुआरी देखा देब आरा तोहार
खिरकी से खोलके आज पिछुआरे काहे डेडा तारों उपरे में डारेब
फिर की से खोल के आजा पिछु आरे, काहे डेरा तारो उपरे में डारे
बाल्टी से भार भार डाला बरंगवा, छोड़ अब न तोहरा हसला से
दिन भार हमरा से केतनूलू कईबू, राती के डाले मता सला से
दिन, दिन, दिन, दिन
आबुआ में चारो ओरी बाहो टाटे हो देखा फागूनी बेयार
राहुल दिवाकर देखा याईल बारे रंगवाया भीरा खुबे लाईल बारे
जुम जुम के टीजे पे नाचा तबारे मिलके जोगीरा सब गावा तबारे
भोली में केतनू तुछो नाय करबू छोड़ी ना धारम ना सलासे
दिन भर हमरा से केतनू लू काईबू राती के डाले बता सलासे