आइ भीया
एक जानी के
नया नया गाउना भुईंबा
अपती फोज मेरो होताने
अच्छानुकोर कोल हो जाता
बेख सरी आएका जाय लागताने
पतनी बड़ा भी रोग में बड़ी
रोवताड़ी
अका कहताड़ी
मुँ
मेहन्दी महावर्
छूटाल नहारादी
चली जाई बभी हमें सैयां
कसिये के बारादी
तोनी उठी हमसे बोली बोती
आली हुँ
एराजजी आज भहर गोतिये में सुताली
एराजजी सुताली ना
मेहन्दी महावर् छूटाल नहारादी
चली जाई बभी हमें सैयां कसिये के बारादी
तोनी उठी हमसे बोली बोती आली हुँ
एराजजी आज भहर गोतिये में सुताली
भहर कडिये एराजजी
तो सवक्ख़ सिंगार
के करा खाती परभान
सवक्ख़ सिंगार लाली पाली नूरी गाई
तोहर भिनाये सैयां रहलो न जाई
तोनी उठी हमसे बोली बोती आली हुँ
एराजजी
आज भहर गोतिये में सुताली
पत्मी कहा तरी जानतनी
सिमा पच्छिला लाड़ाई बा गएल भिगरन्डी बा
गवाना करा के सैयां बेगे सोरी वैनी
गवाना करा के सैयां बेगे सोरी वैनी
हमें नाही जननी कहे कने बनाई
गवाना करा के सैयां बेगे सोरी वैनी
हमें नाही जननी कहे कने बनाई
शासुरा के तीत मी पुछे हम ना जननी एराजगी आज भार गोतिये में सुताली
मेहन्दी महावल
छुटाल नाहोरादी क्याली जैब भभी हमें सैयां कसी एक बर्धी
तोनी उठी हमसे बोली बहुति आली हूँ
एराजगी आज भार गोतिये में सुताली