राघे में ज़क्ये
सोहे मुकुट सर पे लागे निराला
तन पे चुनरिया हाँ मोहे सुहाला
तन पे चुनरिया हाँ मोहे सुहाला
सोहे मुकुट सर पे लागे निराला
तन पे चुनरिया हाँ मोहे सुहाला
आवा मुरतिया में सेहमाई निकली के
की गजबे भवाना ज़ाला के
की गजबे महाला ज़ाला के
सुनिला आरज तू है मैया हमारी
आवा तू कई के हाँ बगवा सावारी
आवा तू कई के हाँ सिंहे सावारी
सुनिला आरज तू है मैया हमारी
आवा तू कई के हाँ बगवा सावारी
आवा तू कई के हाँ सिंहे सावारी
हे मैया जी आजी मनवा तारा से
की गजबे भवाना ज़ाला के
तो हर भवाना जाला के
आज ऐसे लिंदर हाथों के मनावे
नाची नाची आखिल गौरोरी जावे
आज ऐसे लिंदर हाथों के मनावे
नाची नाची आखिल गौरोरी जावे
पाजी जो बड़ी जेता हमरा कमारिया लाचा के
की गाजबे महाला जावे
की गाजबे महाला जावे