प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र
स्या जैसे ही चीम से आया पालंग ये खाड़ा पनाया सारी रत किया मुझे सो लड़ाई चिलाई मैं माई माई
चिलाई मैं माई माई
स्या जैसे ही चीम से आया पालंग ये खाड़ा पनाया सारी रत किया मुझे सो लड़ाई
चिलाई मैं माई माई
फूल जैसी मेरे जवाने संग किया मन माने
बंद के वाडे खुल के साड़ी
काट लिया खुब च्यानी
कर दी
दिया वो मुझे पानी पानी
कर दी
दिया वो मुझे पानी पानी
नहीं समझ आँ मेरी परिसानी
दिया डर्द का नहीं वो दवाई
चिलाई मैं माई माई
चिलाई मैं आहें माई
लाजे खुलके कहुं मैं कैसे अपने दिल की पतिया
लाजे खुलके कहुं मैं कैसे अपने दिल की पतिया
किस को काहूं किस को सुनाओं कितना किया दूर गतिया
मैं कहती रही अब होटी
और इस देहिया मैं जानी मुरा साटी
अब अजोली के दिले ना दुखाई चिलाई में माई माई
चिलाई में आहे माई
सैना जैसे ही जी मुसे आया
सैना जैसे ही जी मुसे आया
बालंग ये अखाड़ अपनाया
सारी रत किया मुझे से लडाई
चिलाई में माई माई
सैना जैसे ही जी मुसे आया
बालंग ये अखाड़ अपनाया
सारी रत किया मुझे से लडाई
चिलाई में माई माई
चिलाई में माई माई
चिलाई में
माई माई चला ही मैं आही माई