मैं केंसर के लास्ट स्टीज पर हूँ, मैं चानती हूँ, मैंने तुमसे ये बात छुपाई है, बस मैं तुम्हें और टेंचन में नहीं वेख सकती थी.
मेरी लास्ट विश यही है कि मैं एक एंजियो पर हूँ और सोसाइटी के कुछ हैल्पलेस बच्चों के हैल्प कर पाँ, किसी भी तरह के से, शायद इसी से मुझे थोड़ी कुछी मिले.
खुद में चाहो रहो अधुरा, बस तुछ को तुछ में कर दू पूरा.
धीरे धीरे ही सही, कभी तो बन जाओंगे तरी, तु जो कह दे, अगर मुझे नहीं है, तो मुझे नहीं है.
अगर तो बे सांस भी जे लोगे, कुछ भी मैं करूँ, आदास तुछ से ही हो गया, तु जो कह दे, अगर
मुझे नहीं है, तु जो कह दे, अगर मुझे नहीं है, तु जो कह दे, अगिर मुझे नहीं सगसदी जिलोगे, कुछ भी मैं करूँ, आदास तुछ से ही हो गया.आई गई कितनी आदे, बे मौसम वो बरसाते, रख के तुम्हे ना भूलूगी,
फिदा है तुमपे ये आँखी, तो हुफे में दे देना मज़िये, जितने भी गम हो तरे,
धीरे धीरे ही सही, कभी तो बन जाओंगी तरे, तु जो कह दे अगर, तो बे सांस भी जीलोगी,
कुछ भी मैं करूँ, आगाज तज़ से ही होगा, तु जो कह दे अगर, तो बे सांस भी जीलोगी,
कुछ भी मैं करूँ, आगाज तज़ से ही होगा,