तुम्हारी महपत में छूर हो गई हूँ
और तुम्हारी नजिनों से दूर हो गई हूँ
न जाना क्या फिगारा था मैंने इस जमाने का
जो आज तुम से மिलने के लिए मजबूर होगई हूँ
सिंगर, संजना नागर,
प्रदेक्टर वाइ,
ग्रम सेनी,
पिंटु सेनी,
राइटर वाइ,
मरेश जेदपूर है
आग लगे ज़य
जाए जमाना
कुछ भी नज़ ना आए
होके जुदा हम एक दूजे से आज कहीं मर जाए
आग लगे ज़य
जाए जमाना
कुछ भी नज़ ना आए
होके जुदा हम
एक दूजे से आज कहीं मर जाए
अग लगे जैए जाए जमाना
कुछ भी लजे ना आए
एक दूझे से आओ कहीं मर जाए
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