आग लका दूँ सब जला के राख पना दूँ
इस कदम में खुद को मिटा दूँ सब जला के राख पना दूँ
तुम मेरा ही जनू है चाया ये चुफे तूर है ये आंकों में गरूर
न चुपना जरूर है ये दिल ले सांसे करता ये बड़ी बाते
दूगे हैं बड़े खाएं फिर भी न समझ पाए
याद तुम्हे होगा ना मगर प्यार तुम्हे किया दिल बर
बहती जो कश्टी में हो गए सवार डूबे हर बार
याद तु कर तेरे आंगन में जला मैं थी तु कातिल खुद से खफा मैं
लगा तू फाग लगा तू सब जला के राख पना तू
इस कदम में खुद को मिठा तू
सब जला के राख बना दू
मैं लगा दू
आग लगा दू
मैं लगा दू
आग लगा दू
मैं लगा दू
आग लगा दू
मैं लगा दू
आग लगा दू
आग लगा दू
सब जला के राख बना दू
इस कदम में खुद को मिटा दू
सब जला के राख बना दू
तुम मेरा इंतहा है जिसका ना एक जवाब है
ये दिल मेरा समंदर बैगया जिसके अंदर
दिन कोई सोई रातों में करने लगे बाते
दो के हैं बड़े खाए फिर भी न समझ पाए
याद तुम्हें होगा न मगर
बैगगए सपनों में हम दिल बर
कैसी इस कष्टी में हो गए सवार
डूबे हर बार
याद तु कर तेरे आंगन में जला में
ती तु कातिल खुद से खफा में
तेरे आंगन में मैं जला में
ती तु कातिल खुद से खफा में
आग लगा दू, सब जला के राक बना दू, इस कदम में खुद को मिठा दू, सब जला के राक बना दू, मैं लगा दू
आग लगा दू, मैं लगा दू, आग लगा दू