सुभा से शाम तक बस एक ही बात
राहगीर का गाना सबको करता मात
कहता है सच्चाई पर हसी में छुपी है
आदमी चूतिया है इस लाइम में बसी है
जिन्नेगी की रेस में हर कोई भागा
पर राहगीर बोले सब बस है धोका
कभी यहां कभी वहां सबका है ड्रामा
पर असली बात तो ये है कि आदमी चूतिया है
आदमी चूतिया है आदमी चूतिया है
राहगीर का ये काना हर टिल में बसा है
आदमी चूतिया है आदमी चूतिया है
इस लाइम में तो सबको कर दिया बेटाबू भाई
कोई लड़ रहा है दौलित के लिए
कोई मर रहा है शौरत के लिए
पर राहगीर का ये गाना हर दिल में बसा है
आदमी चूतिया है आदमी चूतिया है
इस लाइन ने तो सब को कर दिया बे काबू भाई
कोई लड़ रहा है दौलित के लिए
कोई मर रहा है शौरत के लिए
पर राहगीर बोले ये सब फालतों का काम
क्योंकि असली में तो आदमी चूतिया है ये है उसका नाम
बड़े बड़े सपने लेकिन छोटे दिमाग
सिंदगी की बाजी में सब है नापाक
बोलता है सच और हसी में छुपा
राहगीर का ये गीत सब को बना दे गधा
अदमी चूतिया है राहगीर का ये काना हर दिल में बसा है
इस लाइन ने तो सब को कर दिया बे काबू भाई
दिल की सुन ले दिमाग का कर ले काम
राहगीर का ये मंत्र बन गया है
अब आमर सिर्फी लोग हैं
कलते वही गलती
इसलिए तो राहगीर ने कह दिया है
अडमी चूतिया है
राहगीर का ये काना हारे तिल में बसा है
इस लाइन ने तो सब को कर दिया बे काबू भाई
अडमी चूतिया है