जब जमाने ने ठुकरा दिया, राजा राणी ने अपना लिया।आंधिया जब चले, आई बानों ले, अपने आचल ने दुबका लिया।श्यामा प्यारी ने अपना लिया।मर में जाती कभी की कही, जो ना सुम्ती हिर्दे की द्वनी।आखरी सास थी, ना कोई आस थी, जान कैसा इशारा किया।अपने आचल ने बिठला लिया।श्यामा प्यारी ने अपना लिया।जब जमाने ने ठुकरा दिया।लाड़ लिजिया।लाड़ लिजिया।अपने आचल ने बिठला लिया।आणदिया जब चरी, आई बानु लली।अपनी गोदी में बिठला लिया।अपनों ने सताया।गिरपड़ी मैं वही शाम रुकना सकीगिरपड़ी मैं थकी शाम रुकना सकीहाथ सर पे यूँ पदरा दियाअपने आचल ने दुबका लियारादा राणी नेअपना लियाजब जमाने ने टुकरा दियाअब तो संतों के संग में रहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूंबरसाने की गलियां गहूं