अजकल जी दोस्तिय में
अजकल जी दोस्तिय में आहे बेवफाई आम
जन के कदुरना हे कुरबजो से जग में आहे नजाम
नरयो नालो नसीर नाम मुझे जो को मुलक में
आहली ये दा दर्द न दे दिलदार
जो आया मा मुखे करना तुहाँ न भार
आहली ये दा दर्द न दे दिलदार
जो आया मा करना तुहाँ न भार
कहो कुण कदुर थे पियारा
कहो कुण कदुर थे पियारा
मुझे सिर्दा वो सही सहारा
भिछोड कुझे में न जो आया बिमार
कुण कि चन आहे तुँ बहवगुन थीने जन भार
आहली ये दा दर्द न दे दिलदार मुझो आया मा मुखे करना पिरीत मुधार
दिसितों के मालूम थे थो
तुझे हलर मा जाहिर थे थो
जाहिर थे थो समे सूर्ड दिना तो हर बार हजार कसंसांतबृतु तो आया मंचार
समे सूर्ड दिना तो हर बार हजार कसंसांतबृतु तो आया मंचार
आहली हे न दर्द न दे दिलदार मुझो आया मा मुखे करना पिरीत मुधार
साम्यने फरमाशा
सुख्यो कान शर्दें
परासालत दासू के के तोड़े कोड़ा हैं किना
आकर आये फना केर रह दो के तो
आहे नसिन तु जो नी मानो
तैसा मुझ न कर तू मानो
ये माना करे मुखे मिछा तू न मार आहली या पण बैकर प्यार
आहली है ना दर्द न दे दिलदार तु जो आया मा मुखे करना सजन तू धार