प्रेम से बोली सच्चे दरबारी की
जैमा जैमा
कुवर स्टूडियो आरा
जैमा
आरे कासे हमा सुन सजाई हो कहां बोई ठाई
ठाई
आगईली घरे मुरमाई हो कहां जुलुआ जुलाई
पढ़ावल से आसम सा जैमा हो हिकले बईठावा
जैमा
दिमिये पा झुलु आटा गावा हो मोरा माई के झुलावा
असो भोखे के लोग दिन ना में करा
ना ही पूजा में कुछ हाँ का में करा
आले जसा सेवा करा साथो वही
रहे इंत जान तो हरा एही मुत इनके
आरे कासे हो मरती देखाई हो कासे भोगवा लागाई
आगॉईली घरे मोरो माई हो आहा झुलु आ जुलाई
आगॉईली घरे मोरो माई हो कहा झुलु आ जुलाई
आरती देखाई हो फल्से भोगवा लागाई
बिमी
निमिये पा झुलुआ टंगावा हो मोरा माई के झुलावा
जैमा जैमा
जैमा जैमा
जैमा
मन से माई के खुबे सेवाधारी करा
जगा रहता दुवारी पभारी करा
जैमा
नागली हा मफी हो के जे भूला चुक हो
कही हा के दूर करा जिन्गी से दूख हो
अरे कैसे हम कितली ख़वाई हो
कैसे पचराई
अरे कैसे पचराई
आगोई ले घरे मारा माई हो
कहा झुलुआ झुलाई
आगोई ले घरे मारा माई हो
कहा झुलुआ झुलाई
रंजन से गीत लिखावावा हो
बीरकरण से गावावा
नेमि एप झुलुआ टाँगावा हो
मारा माई के झुलावा
निमी एप जुलुवा टंगावा हो मोरा माईते जुलावा
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