मैं तू सोलाह परस की होली की तज का समीज पहर ली
चोली नो मार गया पढोसी बेरी बोली महरी गाल मैं
मैं तू सोलाह परस की होली की तज का समीज पहर ली
चोली नो मार गया पढोसी बेरी बोली महरी गाल मैं
जब भी बैरी हो वैसे सवीरा क्यों होवे मीरा उस सामना
जब भी बैरी हो वैसे सवीरा क्यों होवे मीरा उस सामना
अंगडा इस बदन में तोटे क्यों उठे बैरी जी मैं कामना
हाई मरगी ही गिरगी हाई मरगी ही चोगरदे ते घिरगी पड़ने लगी बैरी इसके की मिरगी
जानेतनू भी डर के कि स्यार ना फिलहाल मैं मैं तो सोला हबरस की होले की सज के समीद पहर ली
चोले नू मार गया पड़ोसे बैरी बोले महरी काल मैं
कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर �
कर दो कर दो कर दो कर
कर दो कर दो कर दो कर दो कर
कर दो कर दो कर दो कर दो कर
कर दो कर दो कर दो कर दайте
आवे दिखावे से के भाई सुन तेरा
माना रोजे राज वो आवे दिखावे से के भाई सुन तेरा
जब एकली नजर मैं आओ पकड़ ले से हाथ वो मेरा
होए मेरा सवेरा
उसके संग में रमी रस्मी सत्य पाली के रह में
एक योधवीर सिंग मैं तैमोली तेरी ताल में
मैं तो सोला बरस की होली की तज के समीद पहर ली
चोली नो मार गया पड़ोसी बेरी बोली महरी गाल में